HANUMAN CHALISA SECRETS

hanuman chalisa Secrets

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Bhagat Kabir, a distinguished writer on the scripture explicitly states that Hanuman would not know the total glory of your divine. This statement is while in the context on the Divine as remaining unlimited and ever increasing.

व्याख्या – मनुष्य के जीवन में प्रतिदिन–रात्रि में चारों युग आते–जाते रहते हैं। इसकी अनुभूति श्री हनुमान जी के द्वारा ही होती है। अथवा जागृति, स्वप्न, सुषुप्ति एवं तुरीय चारों अवस्थाओं में भी आप ही द्रष्टारूप से सदैव उपस्थित रहते हैं।

Possessing cleansed the mirror of my mind Along with the pollen-dust of my Expert’s lotus ft, I recite the holy, unblemished glory of the greatest of the Raghu dynasty (Ram), the bestower from the 4 fruits of life.

तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥ आपन तेज सह्मारो आपै ।

सुग्रीव बालि के भय से व्याकुल रहता था और उसका सर्वस्व हरण कर लिया गया था। भगवान् श्री राम ने उसका गया हुआ राज्य वापस दिलवा दिया तथा उसे भय–रहित कर दिया। श्री हनुमान जी ने ही सुग्रीव की मित्रता भगवान् राम से करायी।

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What transpires next differs by account, but a standard tale is that immediately after traveling to Sita, he starts off destroying the grove, prompting his capture. Regardless of the tale, he ends up captured during the courtroom of Ravana himself, who laughs when Hanuman tells him that Rama is coming to get back again Sita. Ravana orders his servants to light Hanuman's tail on fire as torture for threatening his safety. Nonetheless, every time they placed on an oil-soaked fabric to melt away, he grows his tail longer so that much more cloths need to be extra.

जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जितः॥

भावार्थ – जो इस (हनुमान चालीसा) का सौ बार पाठ करता है, वह सारे बन्धनों और कष्टों से छुटकारा पा जाता है और उसे महान् सुख (परमपद–लाभ) की प्राप्ति होती है।

tina keTina keWhose / his kājaKājaWork / endeavor sakala SakalaAll tumaTumaYou sājāSājāCarried / do Which means: Lord Rama will be the king of all ascetics and he who requires refuge to him, you might deal with/care for all their responsibilities/will work.

मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा ।

व्याख्या – श्री शंकर जी के साक्षी होने का तात्पर्य यह है कि भगवान श्री सदाशिव की प्रेरणा से ही श्री तुलसीदास जी ने श्री हनुमान चालीसा की रचना की। अतः इसे भगवान शंकर का पूर्ण get more info आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिये यह श्री हनुमान जी की सिद्ध स्तुति है।

भावार्थ – ज्ञान और गुणों के सागर श्री हनुमान जी की जय हो। तीनों लोकों (स्वर्गलोक, भूलोक, पाताललोक) को अपनी कीर्ति से प्रकाशित करने वाले कपीश्वर श्री हनुमान जी की जय हो।

व्याख्या—इस चौपाई में श्री हनुमन्तलाल जी के सुन्दर स्वरूप का वर्णन हुआ है। आपकी देह स्वर्ण–शैल की आभा के सदृश सुन्दर है और कान में कुण्डल सुशोभित है। उपर्युक्त दोनों वस्तुओं से तथा घुँघराले बालों से आप अत्यन्त सुन्दर लगते हैं।

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